परमेश्वर के नाम से जो सर्वथा दया है, जिसकी कृपा शाश्वत है।
आभार परमेश्वर ही के लिए है, समस्त लोकों का प्रभु, सर्वथा दया, जिसकी कृपा शाश्वत है, जो न्याय के दिन का स्वामी है। (1-3)
(प्रभु) हम तेरी ही उपासना करते हैं और तुझ ही से सहायता चाहते हैं। हमें सीधे मार्ग पर चला। उन लोगों का मार्ग जिन पर तूने उपकार किया, जो न तेरे क्रोध के भागी हुए हैं, न मार्ग से भटके हैं। (4-6)
उर्दू अनुवाद: जावेद अहमद गामिदी
हिन्दी रूपान्तरण: मुश्फ़िक़ सुल्तान